‘मैं भी चौकीदार’ और ‘चौकीदार ही चोर है’ के शोर में अनेक दूसरे मुद्दे हाशिये पर चले गए हैं.
वन अधिकार क़ानून 2006 के तहत ख़ारिज दावा-पत्रों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने आदिवासियों को जंगल से बेदख़ल करने का आदेश दिया था, जिस पर बाद में रोक लगा दी गई. पर दावा-पत्र खारिज क्यों हुए? केंद्र सरकार ने अदालत से कहा कि दावा-पत्र सही से नहीं भरे गए, जबकि हक़ीक़त यह है कि सरकारों की मिलीभगत से इन्हें ख़ारिज किया गया है ताकि जंगलों में खनिज संपदा के दोहन के लिए लीज़ देने में किसी तरह की परेशानी
घोषणा-पत्र में सरकारी नौकरियों को एक शब्द के लायक न समझकर भाजपा ने साबित कर दिया है कि उसके लिए नौजवान और रोज़गार दोनों का मतलब बदल गया है.
रासुका के तहत गिरफ़्तार पत्रकार को रिहा करने के मणिपुर हाईकोर्ट के आदेश समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.
कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर वरुण गांधी ने कहा कि इसका सवाल ही नहीं उठता. जिस दिन मुझे बीजेपी छोड़नी होगी मैं सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लूंगा.
कांग्रेस का घोषणा-पत्र कम से कम इस अर्थ में बहुत सार्थक है कि तात्कालिक रूप से ही सही, देश के राजनीतिक विमर्श की दशा व दिशा बदलने के संकेत मिल रहे हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को वायनाड में कहा कि वह माकपा के सारे हमलों को झेलेंगे, लेकिन प्रचार अभियान के दौरान वाम दलों के ख़िलाफ़ कुछ नहीं बोलेंगे.
लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर सीट पर भाजपा को हराने वाले सांसद प्रवीण निषाद के भाजपा में शामिल होने समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.
लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के घोषणा पत्र पर चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी करते हुए गरीबों को 72 हज़ार रुपये सालाना देने और किसानों के लिए अलग बजट के प्रावधान का वादा किया. पार्टी ने क़र्ज़ न चुका पाने वाले किसानों के ख़िलाफ़ फौजदारी नहीं, दीवानी अपराध का केस दर्ज करने की बात कही है.
वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष मिश्रा बता रहे हैं कि ओडिशा में मुख्य मुक़ाबले से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दूर नज़र आ रहे हैं. गांवों में भी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की संभावनाओं की चर्चा कर रहे हैं.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि आरएसएस का संकीर्ण वैश्विक दृष्टिकोण भारत के लिए गतिरोध पैदा कर सकता है. यह देश हमारे संस्थापकों नेहरू, गांधी के विचारों और हमारे संविधान की बुनियाद पर खड़ा है.
वरिष्ठ पत्रकार मार्क टली बता रहे हैं कि विपक्ष इस चुनाव का पहला राउंड हार चुका है. उसके लिए भाजपा को अंतिम राउंड में जीतने से रोकना बहुत कठिन है.
पिछली बार टीडीपी और भाजपा ने साथ चुनाव लड़ा था और पवन कल्याण ने प्रचार किया था. अब पवन कल्याण अपनी पार्टी जनसेना लेकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अकेले उतरे हैं. भाजपा और टीडीपी भी अलग लड़ रहे हैं. इसका नुकसान टीडीपी को हो सकता है. अमित कुमार निरंजन की रिपोर्ट.
35 सालों से न जीती गई भोपाल सीट पर दिग्विजय सिंह को उतारने के पीछे केंद्रीय नेतृत्व से अधिक मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा बताई जा रही है. विश्लेषक मानते हैं कि दिग्विजय की हार या जीत से फायदा कमलनाथ का ही है. जीत दिग्विजय को दिल्ली पहुंचाएगी, जिससे राज्य की राजनीति में उनका हस्तक्षेप कम होगा और हार ज़ाहिर तौर पर उनका क़द कम कर देगी.