नुकसान का हवाला देते हुए केंद्र ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे रियायत देने से इनकार किया

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि कोविड महामारी का रेलवे की आर्थिक स्थिति पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है. ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों समेत कई श्रेणियों के किराये में छूट का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है. एक आरटीआई से बीते मई महीने में पता चला था कि मार्च 2020 से दो वर्षों में वरिष्ठ नागरिकों को टिकट में मिलने वाली रियायत न देने से रेलवे ने 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया था.

वरिष्ठ नागरिकों के लिए किराए में छूट को बहाल नहीं करेगा रेलवे

देश में कोविड-19 महामारी शुरू होने के पहले वरिष्ठ नागरिकों को यह छूट दी जाती थी लेकिन यात्री किराए के ज़रिये कमाई बढ़ाने के लिए मार्च 2020 से यह छूट बंद कर दी गई थी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि राजस्व में गिरावट में के चलते यात्रियों को ट्रेन किराए में रियायत देना संभव नहीं है.

रेलवे एक जून से रोजाना 200 नॉन एसी द्वितीय श्रेणी की रेलगाड़ियां चलाएगा

ये रेलगाड़ियां मौजूदा समय में प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह प्रदेश पहुंचाने के लिए चलाई जा रहीं विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों एवं राजधानी ट्रेन के रूट पर दिल्ली से 15 शहरों के लिए चलाई जा रहीं विशेष रेलगाड़ियों के अलावा होंगी.

रेल मंत्री ने कहा- कई राज्य श्रमिक ट्रेनों को नहीं दे रहे मंज़ूरी, राज्यों ने गलत आरोप बताया

प्रवासी मज़दूरों की घर वापसी के लिए पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे गैर भाजपा शासित राज्यों से सहयोग नहीं मिलने के रेल मंत्री पीयूष गोयल के आरोपों के बाद इन राज्यों ने कहा है कि रेल मंत्रालय के पास सही जानकारी नहीं हैं और आरोप तथ्यों से परे हैं.

ट्रेन की निचली सीट पर यात्रा करनी है तो लग सकते हैं ज़्यादा पैसे

किराया समीक्षा समिति ने सुझाव दिया कि रेलवे को त्योहारी सीज़न के दौरान किराया बढ़ाना चाहिए जबकि कम व्यस्त महीनों में किराये में कमी करनी चाहिए.

जब सांसदों का सामान चोरी हो रहा है तो आम रेल यात्रियों का क्या होता होगा?

महिला सांसदों ने ट्रेनों में उनके सामान की चोरी का मामला राज्यसभा में उठाया. सरकार ने स्वीकार किया कि शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में खानपान संबंधी नौ हज़ार शिकायतें मिलीं.

शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए ट्रेन के छोर पर डिब्बे होना ठीक नहीं: उच्च न्यायालय

ट्रेनों में यात्रा करने वाले अक्षम लोगों को समान अवसर देने के लिए रेलवे द्वारा नियुक्त समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करने को लेकर भी दिल्ली उच्च न्यायालय ने नाराज़गी प्रकट की.