कोलगांव से ग्राउंड रिपोर्ट: ‘मीट ही बेचना होता तो अकबर 60 हज़ार की गाय नहीं ख़रीदता’

अकबर का नाम ‘रकबर’ नहीं, अकबर ही है. जब वह अपना आधार बनवाने गए थे, तो बनाने वाला मेवाती उच्चारण नहीं समझ पाया और उनका नाम ‘रकबर’ लिख दिया. चचेरे भाई ने बताया कि उसे आधार में नाम सुधरवाने का कभी ख्याल ही नहीं आया. सात बच्चों का पेट पालने वाले आदमी ने सिस्टम का दिया नाम स्वीकार लिया.

मॉब लिंचिंग पर ज़रूरी हुआ तो क़ानून भी बनाएंगे: राजनाथ सिंह

केंद्र सरकार ने एक मंत्रिसमूह का गठन किया है और गृह सचिव की अध्यक्षता में एक अन्य समिति का भी गठन किया है, जो 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी.