एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने पिछले पांच वर्षों में देश में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में असफल उम्मीदवारों के अलावा सभी मौजूदा सांसदों और विधायकों के हलफ़नामों का विश्लेषण किया है. इसके अनुसार हेट स्पीच से संबंधित घोषित मामलों वाले 480 उम्मीदवारों ने राज्य विधानसभाओं, लोकसभा और राज्यसभा का चुनाव लड़ा है.
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने यह भी बताया है कि लोकसभा और राज्यसभा के प्रति सांसद संपत्ति का औसत मूल्य 38.33 करोड़ रुपये है और 53 सांसद (7 फीसदी) अरबपति हैं. प्रति सांसद उच्चतम औसत संपत्ति वाला राज्य तेलंगाना (24 सांसद) है, जहां के सांसदों की औसत संपत्ति 262.26 करोड़ रुपये है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने 233 राज्यसभा सांसदों में से 225 के आपराधिक, वित्तीय और अन्य पृष्ठभूमि विवरणों का विश्लेषण किया है. भाजपा के 85 राज्यसभा सांसदों में से लगभग 23 कांग्रेस के 30 सांसदों में से 12 और टीएमसी के 13 सांसदों में से 4 ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
सांसदों के लिए इलाज की सुविधाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए दिल्ली स्थित एम्स ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है, जिसके तहत उनकी चिकित्सकीय देखभाल व्यवस्था के समन्वय के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. डॉक्टरों से संपर्क करने के लिए सांसदों को विशेष फोन और लैंडलाइन नंबर भी उपलब्ध कराए जाएंगे.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और नेशनल इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, राज्यसभा के वर्तमान 226 सदस्यों में 71 यानी 31 प्रतिशत ने अपने हलफ़नामों में उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले होने की घोषणा की है जबकि 37 यानी 16 प्रतिशत ने गंभीर आपराधिक मामले होने की पुष्टि की है.
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि उच्च सदन केे सांसद संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भारतीय भाषाओं में से किसी में भी भाषण दे सकते हैं. अब इनके साथ-साथ अनुवाद की सुविधाएं मुहैया होंगी.