राजस्थान के अलवर ज़िले में 20 और 21 जुलाई 2018 की दरम्यानी रात कथित गोरक्षकों की भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद 31 वर्षीय रकबर ख़ान की मौत हो गई था. घटना के समय रकबर एक अन्य व्यक्ति असलम ख़ान के साथ गायों को ले जा रहे थे.
20 जुलाई 2018 को अलवर ज़िले में गो-तस्करी के संदेह में कथित गोरक्षकों की भीड़ ने रकबर ख़ान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के गोरक्षक सेल के नेता नवल किशोर शर्मा पर भीड़ की अगुवाई करने का आरोप था.
राजस्थान के अलवर ज़िले की घटना. 20 जुलाई 2018 को रकबर ख़ान और उनके एक साथी पर गो-तस्करी के संदेह में गोरक्षकों की भीड़ ने हमला कर दिया था. बर्बर पिटाई के बाद रकबर की मौत हो गई थी, जबकि उनके साथी बचकर भाग निकलने में सफल रहे थे.
इस घटना के पहले शीर्ष न्यायालय ने कथित गोरक्षा के नाम पर हिंसा से निपटने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे.
अलवर मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, मारपीट के दौरान लगी चोट के सदमे से हुई रकबर की मौत.
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी और कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला की ओर से दायर याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बावजूद देश में पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाएं जारी हैं. पहलू ख़ान के बाद राजस्थान के अलवर ज़िले में बीते 21 जुलाई को गो-तस्करी के संदेह में भीड़ ने रकबर ख़ान की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
ग्राउंड रिपोर्ट: रकबर ख़ान उर्फ अकबर के साथ बेहरमी से मारपीट का आरोप झेल रही रामगढ़ थाने की पुलिस ने यह स्वीकार किया है कि वह उसे अस्पताल ले जाने के बजाय कागजी कार्रवाई करने के लिए थाने ले गई थी.
भाजपा के स्थानीय विधायक ज्ञानदेव आहूजा व घटना की सूचना देने वाले शख़्स के मुताबिक पुलिस अकबर ख़ान को अस्पताल ले जाने की बजाय थाने ले गई, जहां उसके साथ बेरहमी से मारपीट हुई. पुलिस ने आरोपों को खारिज किया. वहीं पूर्व विधायक जुबेर ख़ान ने भाजपा विधायक के आरोप को आरोपियों को बचाने की साज़िश बताया.
अलवर के रामगढ़ में हुई घटना. पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया. मृतक के पिता ने कहा कि वे इंसाफ चाहते हैं और चाहते हैं कि सभी दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए.