20 जुलाई 2018 को अलवर ज़िले में गो-तस्करी के संदेह में कथित गोरक्षकों की भीड़ ने रकबर ख़ान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इसके बाद विश्व हिंदू परिषद के गोरक्षक सेल के नेता नवल किशोर शर्मा पर भीड़ की अगुवाई करने का आरोप था.
राजस्थान के अलवर ज़िले की घटना. 20 जुलाई 2018 को रकबर ख़ान और उनके एक साथी पर गो-तस्करी के संदेह में गोरक्षकों की भीड़ ने हमला कर दिया था. बर्बर पिटाई के बाद रकबर की मौत हो गई थी, जबकि उनके साथी बचकर भाग निकलने में सफल रहे थे.
इस घटना के पहले शीर्ष न्यायालय ने कथित गोरक्षा के नाम पर हिंसा से निपटने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे.
राजस्थान में सीकर से भाजपा सांसद सुमेधानंद सरस्वती के मुताबिक फ़र्ज़ी गोरक्षकों की वजह से वाकई में गोसेवा में लगे लोग और संत समाज बदनाम हो रहा है. उन्होंने ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की मांग की है.
मेव समुदाय धार्मिक रूप से मुसलमान है लेकिन सांस्कृतिक रूप से हिंदू परंपराओं के क़रीब है. इनका गायों से एक सांस्कृतिक नाता है. कई ऐसे परिवार हैं, जिनके पास 500 से हज़ार गाएं हैं. यहां तक कि बेटियों की शादी में भी गाय देने की रीत है.
अकबर ख़ान अपने घर के अकेले कमाने वाले थे, अब उनके 60 साल के पिता पर बीमार बहू, बुज़ुर्ग पत्नी, 7 पोते-पोतियों और 5 गायों की ज़िम्मेदारी है. बेटे की मौत ने उन्हें इतना डरा दिया है कि वे किसी पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं. हर मिलने आने वाले से बस यही पूछ रहे हैं कि कहीं कोई जगह है जहां इंसाफ की फरियाद की जा सके.
बीते हफ्ते अलवर में 'गोरक्षकों' द्वारा कथित पिटाई के बाद हुई अकबर खान की मौत पर स्वतः संज्ञान लेते हुए आयोग ने सरकार को दो हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है.
रामगढ़ से भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा का कहना है कि जब पुलिस ने अकबर ख़ान की मौत पुलिस हिरासत में होना स्वीकार कर लिया है, तो आरोपी गोरक्षकों को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए.
अकबर का नाम ‘रकबर’ नहीं, अकबर ही है. जब वह अपना आधार बनवाने गए थे, तो बनाने वाला मेवाती उच्चारण नहीं समझ पाया और उनका नाम ‘रकबर’ लिख दिया. चचेरे भाई ने बताया कि उसे आधार में नाम सुधरवाने का कभी ख्याल ही नहीं आया. सात बच्चों का पेट पालने वाले आदमी ने सिस्टम का दिया नाम स्वीकार लिया.
केंद्र सरकार ने एक मंत्रिसमूह का गठन किया है और गृह सचिव की अध्यक्षता में एक अन्य समिति का भी गठन किया है, जो 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी.
अलवर मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, मारपीट के दौरान लगी चोट के सदमे से हुई रकबर की मौत.
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी और कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला की ओर से दायर याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बावजूद देश में पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाएं जारी हैं. पहलू ख़ान के बाद राजस्थान के अलवर ज़िले में बीते 21 जुलाई को गो-तस्करी के संदेह में भीड़ ने रकबर ख़ान की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
ग्राउंड रिपोर्ट: रकबर ख़ान उर्फ अकबर के साथ बेहरमी से मारपीट का आरोप झेल रही रामगढ़ थाने की पुलिस ने यह स्वीकार किया है कि वह उसे अस्पताल ले जाने के बजाय कागजी कार्रवाई करने के लिए थाने ले गई थी.
भाजपा के स्थानीय विधायक ज्ञानदेव आहूजा व घटना की सूचना देने वाले शख़्स के मुताबिक पुलिस अकबर ख़ान को अस्पताल ले जाने की बजाय थाने ले गई, जहां उसके साथ बेरहमी से मारपीट हुई. पुलिस ने आरोपों को खारिज किया. वहीं पूर्व विधायक जुबेर ख़ान ने भाजपा विधायक के आरोप को आरोपियों को बचाने की साज़िश बताया.
अलवर के रामगढ़ में हुई घटना. पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया. मृतक के पिता ने कहा कि वे इंसाफ चाहते हैं और चाहते हैं कि सभी दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए.