अगर राम मंदिर बन भी जाता है तो इससे आम हिंदू की ज़िंदगी में रत्ती भर फ़र्क नहीं पड़ेगा

राम मंदिर था या नहीं, ये बहस अनंत काल तक चलाई जा सकती है, लेकिन मुद्दा इतिहास का नहीं बल्कि धर्म के नाम पर बरगलाने का है.

रविशंकर जी! और भी ग़म हैं अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद के सिवा…

माहौल का असर है या कुछ और कि श्री श्री रविशंकर को अयोध्या में कोई भी गंभीरता से नहीें ले रहा. लेकिन श्री श्री का सौभाग्य कि वे मीडिया की भरपूर सुर्ख़ियां बटोर रहे हैं.

अयोध्या से ‘राम’ और ‘बाबरी’ को हटा दें तो उसके पास क्या बचता है?

अयोध्या से बाहर इसकी पहचान राम जन्मभूमि और बाबरी मस्ज़िद विवाद से ही होती है. लेकिन अयोध्या के पास इन दोनों के इतर और भी बहुत कुछ है कहने को.