भारतीय रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी. रवि शंकर ने कहा कि आज के समय में डेटा का मतलब पैसा है. डेटा का मौद्रीकरण किया जा सकता है इसलिए निजी डेटा की सुरक्षा के लिए क़ानून ज़रूरी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उपभोक्ताओं से संबंधित जानकारियों का मौद्रीकरण एक हद तक उनकी सहमति से ही किया जाना चाहिए.
रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एमके जैन ने बैंकों को सुझाव दिया है कि वे मुद्रा लोन देते समय दस्तावेज़ों की जांच-परख के स्तर पर क़र्ज़ किस्त के भुगतान की क्षमता पर भी गौर करें और इस तरह के क़र्ज़ का उनकी पूरी अवधि तक निगरानी करें.