यह शिक्षक भर्ती घोटाला 2014 का है, जब पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) आयोजित की थी. साल 2021 में यह सामने आया कि कम टीईटी स्कोर वाले व्यक्तियों को शिक्षक पद दे दिए गए थे. इस घोटाले के ख़िलाफ़ इन लोगों का विरोध प्रदर्शन 950 दिनों से अधिक समय से चल रहा है.
सीबीआई ने एफ़आईआर में समिति के पूर्व अध्यक्ष शांति प्रसाद सिन्हा, स्कूल सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष सौमित्र सरकार, आयोग के पूर्व सचिव अशोक कुमार साहा और इसके पूर्व कार्यक्रम अधिकारी समरजीत आचार्य को नामजद किया है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली के नाम का भी उल्लेख है.
कलकत्ता हाईकोर्ट एक अभ्यर्थी द्वारा दायर उस याचिका की सुनवाई कर रहा था, जिसमें दावा किया गया था कि भर्ती परीक्षा में शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी के मुक़ाबले ज़्यादा अंक लाने के बावजूद उन्हें नौकरी नहीं दी गई. अदालत ने उनकी शिक्षक नियुक्ति को रद्द करते हुए निर्देश दिया कि वह नवंबर 2018 से अभी तक प्राप्त वेतन की पूरी राशि दो किस्तों में रजिस्ट्रार के पास जमा कराएं.