भारत में हमने लोगों और पूजा स्थलों पर बढ़ते हमले देखे हैं: अमेरिकी विदेश मंत्री

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और आस्थाओं की विविधता के घर भारत में हमने लोगों और पूजा स्थलों पर बढ़ते हमले देखे हैं. दो महीने से भी कम समय में यह दूसरी बार है जब अमेरिका ने भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन की बढ़ती प्रवृत्ति के बारे में सीधे तौर पर चिंता व्यक्त की है. इस रिपोर्ट पर भारत की ओर से कहा गया ​है कि पक्षपातपूर्ण विचारों के आधार पर तैयार

अमेरिकी आयोग ने भारत को ‘विशेष चिंता वाले’ देशों की सूची में शामिल करने की सिफ़ारिश की

यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम ने लगातार तीसरे साल अमेरिकी विदेश विभाग को भारत को 'विशेष चिंता वाले देश' के तौर पर वर्गीकृत करने की सिफ़ारिश की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन 15 देशों को इस श्रेणी में रखने को कहा गया है, वहां की सरकारों के तहत गंभीर उल्लंघन हो रहे हैं और इन्होंने असहिष्णु रुख़ अपनाया हुआ है.

अमेरिकी सांसदों ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर चिंता जताई, भारत ने ख़ारिज किया

अमेरिका में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी के तीन सांसदों ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए आरोप लगाया कि सरकार सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही और बोलने की आज़ादी के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है. अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ धार्मिक आधार पर भेदभाव को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता है, क्योंकि बढ़ता राष्ट्रवाद लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के लिए ख़तरा है. हालांकि भारत सरकार और अनेक भारतीय संगठनों ने इन

कोविड महामारी के साथ नस्लवाद और भेदभाव में भी इज़ाफ़ा हुआ है: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख

धर्म या आस्था के आधार पर हिंसा का शिकार होने को लेकर 22 अगस्त को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय दिवस के अपने संदेश में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ भेदभाव और अन्य संबंधित घृणा अपराधों को समाप्त किया जाना चाहिए.

नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ नई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया

नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ दाख़िल की गईं नई याचिकाओं में कहा गया है कि इस क़ानून में मुस्लिम वर्ग को स्पष्ट रूप से अलग रखना संविधान में प्रदत्त मुसलमानों के समता और पंथनिरपेक्षता के अधिकारों का हनन है.