छत्तीसगढ़ में अब अनुसूचित जाति को 13 फीसदी तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही राज्य में आरक्षण की सीमा कुल 72 फीसदी हो जाएगी, जो कि देश में सबसे अधिक होने के साथ सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित की गई 50 फीसदी की सीमा से 22 फीसदी अधिक होगी.
सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि वह इस मामले को संविधान पीठ को सौंपने के बारे में कोई आदेश पारित नहीं करना चाहती. 28 मार्च की सुनवाई में विचार किया जाएगा कि ऐसा करने की आवश्यकता है या नहीं.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, अधिक रोज़गार सृजन की ज़रूरत है लेकिन निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं होना चाहिए.