दलित एवं आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण के उप-वर्गीकरण को लेकर दिए गए फैसले के प्रति विरोधाभासी रुख़ अपनाया है. इसने मांग की है कि सरकार एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर एक नया क़ानून बनाए और इस क़ानून की सुरक्षा के लिए इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करे.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों अपने एक फैसले में कहा है कि किन्हीं समुदायों के अधिक पिछड़े लोगों को अलग कोटा देने के उद्देश्य से अनुसूचित जातियों और जनजातियों का उप-वर्गीकरण किया जा सकता है.