प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से पहले कांग्रेस ने पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि जाति जनगणना विभाजनकारी है और क्या वह अनुसूचित जातियों, जनजातियों और ओबीसी के लिए आरक्षण पर मनमानी 50% की सीमा को हटाने के लिए निर्णायक कदम उठाएंगे.
इलाहाबाद में हुए एक कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी को जनता की बात सुनकर जातिगत जनगणना करवानी ही होगी, अगर वह नहीं करेंगे तो अगले प्रधानमंत्री को कराते हुए देखेंगे.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि जब तक समाज में भेदभाव मौजूद है असमानता बनी रहेगी और तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए. इस पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा है कि वे सरकार से कहें कि वह जाति जनगणना करवाए अन्यथा उनका कथन सिर्फ ख़बरों में रहने के लिए ज़बानी जमाख़र्च है.
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार, कोविड-19 महामारी के कारण साल के अधिकांश समय सामान्य संचालन बंद रहने के बावजूद वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय रेलवे ने तत्काल, प्रीमियम तत्काल और डायनामिक टिकट श्रेणियों में कुल 1,033 करोड़ रुपये की आमदनी की है.
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अन्य पिछड़ा वर्गों की अपनी सूची बनाने का अधिकार प्रदान करने वाले ‘संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021’ को राज्यसभा में पारित कर दिया. यह विधेयक लोकसभा में 10 अगस्त को पारित हो चुका है. हालांकि विपक्ष के नेताओं का कहना है कि जब तक मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा है, तब तक ओबीसी को पूरी तरह न्याय नहीं मिल पाएगा.
वीडियो: संविधान में संशोधन के द्वारा अनुच्छेद 15(5) और 15(6) को जोड़ा गया है, जिनमें सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े वर्गों के लिए ग़ैर सहायता प्राप्त स्कूल और कॉलेजों में और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए वर्ग के लिए आरक्षण की बात कही गई है.
वीडियो: संविधान का अनुच्छेद 15 (4) राज्य को यह अधिकार देता है कि वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सामाजिक तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए विशेष कानून बना पाए. संविधान में पिछड़े वर्गों के आरक्षण के लिए क्या कानून है, इसकी जानकारी दे रही हैं अधिवक्ता अवनि बंसल.
आईआईटी कानपुर ने दलित शिक्षक सुब्रमण्यम सदरेला की पीएचडी थीसिस रद्द करने की सिफारिश की है, जिन्होंने अपने चार सहकर्मियों के ख़िलाफ़ उत्पीड़न का आरोप लगाया था.