अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित साबरकांठा जिले की खेड़ब्रह्मा सीट से तीन बार विधायक रहे आदिवासी नेता अश्विन कोतवाल ने कहा कि जो जनता के बीच लोकप्रिय हैं, उन्हें टिकट देने के बजाय कांग्रेस पार्टी नेतृत्व केवल उन लोगों का पक्ष लेती है, जो उनके प्रति वफादार रहे हैं. कोतवाल के इस्तीफ़े के बाद 182 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस के सदस्य घटकर 63 हो गए, जबकि भाजपा के पास 111 सदस्यों के साथ बहुमत है.
बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने इससे पहले आरोप लगाया था कि उनके द्वारा तैयार की गई विभागीय अधिकारियों के तबादले एवं पदस्थापन की सूची तीन दिनों से एक विभागीय अधिकारी लेकर बैठे हैं और उसे जारी नहीं कर रहे हैं. मंत्री के आरोपों को लेकर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके.