केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद लागू लॉकडाउन के दौरान लगातार दूसरे महीने खुदरा मुद्रास्फीति के आंशिक आंकड़े जारी किए. मई 2019 में खाद्य महंगाई दर 1.83 फीसदी थी.
भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार भी दिसंबर 2019 में खुदरा महंगाई की दर सामान्य स्तर को लांघ चुकी है. वहीं, दिसंबर महीने में सब्जियों की कीमतें पिछले साल से औसतन 60.5 फीसदी ऊपर थीं. साल 2014 में खुदरा महंगाई दर 7.39 फीसदी पर चल रही थी.
प्याज सहित अन्य सब्जियों, दाल और मांस, मछली जैसी प्रोटीन वाली वस्तुओं के दाम चढ़ने से नवंबर माह में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 5.54 प्रतिशत पर पहुंच गई थी.
बिजली, खनन और विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन के कारण औद्योगिक उत्पादन अक्टूबर महीने में 3.8 प्रतिशत घट गया. एक साल पहले इसी माह में इसमें 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
सब्ज़ियों, फलों और प्रोटीन वाले सामान मसलन अंडों के दाम में कमी आई है. हालांकि, मांस, मछली और दालों के दामों में मामूली बढ़ोतरी हुई है. उद्योग संघों ने आरबीआई से ब्याज घटाने को कहा है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक मुद्रास्फीति मई में 14 महीने के उच्चतम स्तर 4.43 प्रतिशत पर पहुंच गई है. पिछले साल मई महीने में यह 2.26 प्रतिशत थी.
ईंधन, सब्जियों तथा अंडों के दाम बढ़ने से नवंबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 4.88 प्रतिशत पर पहुंच गई.