फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, जिन्हें लिखने के लिए जेल में डाला गया जो इश्क़ करते हैं, बेड़ियों को तोड़ना चाहते हैं, दुनिया को बदलना चाहते हैं, उन्हें आज भी फ़ैज़ की ज़रूरत है.20/11/2017