भोपाल पुलिस ने बताया है कि घटना का मास्टरमाइंड मोहित सिंह बघेल था, जो भारतीय सेना मे अग्निवीर है और पठानकोट में तैनात है. वर्तमान में वह अवकाश पर घर आया हुआ था.
इश्मीत सिंह नवंबर 2022 में अग्निवीर के रूप में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था. दो महीने पहले वह अवकाश पर घर आया था और फिर कभी वापस नहीं लौटा. पुलिस ने बताया कि वह अपने परिवार से दूर रहकर 20,000 रुपये का मामूली वेतन कमाने और अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित होने के चलते सेना में वापस नहीं जाना चाहता था.
मद्रास हाईकोर्ट एक वृद्धा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि डीएमके वार्ड सचिव 13 साल से अधिक समय तक उनकी भूमि पर कब्ज़ा कर रखा था. अदालत ने कहा कि राजनीतिक ताक़त का इस्तेमाल करके एक शक्तिहीन आम आदमी से ज़मीन छीनना दिनदहाड़े हुई डक़ैती के अलावा कुछ नहीं है.
त्रिपुरा के सिपाहीजाला ज़िले में डकैती और मादक पदार्थ तस्करी के आरोप में एक 35 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया था. उनके परिवार ने उन्हें सोनमुरा थाने में प्रताड़ित कर हत्या करने का आरोप लगाया है.
हाईवे डकैती मामले में केरल स्थित थ्रिसूर की अदालत में दायर चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि इस साल अप्रैल में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने कर्नाटक से अवैध रूप से 40 करोड़ रुपये मंगवाए थे और कथित तौर पर हवाला के रास्ते से पार्टी की केरल इकाई के विभिन्न पदाधिकारियों के बीच वितरित किए थे. आरोप है कि चुनाव से तीन दिन पहले थ्रिशूर ज़िले में 3.50 करोड़ रुपये की हाईवे डकैती उस काले धन का हिस्सा
भाजपा के केरल प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन पर आरोप है कि उन्होंने आदिवासी नेता तथा जनाधिपत्य राष्ट्रीय पार्टी की अध्यक्ष सीके जानू को अप्रैल में विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए में वापस लाने के लिए 10 लाख रुपये का भुगतान किया था. इससे पहले सुरेंद्रन के ख़िलाफ़ मंजेश्वरम क्षेत्र से अपना नामांकन वापस लेने के लिए बसपा उम्मीदवार के. सुंदर को रिश्वत देने के आरोप में केस दर्ज किया था.
बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरने वाले के. सुंदर ने हाल में आरोप लगाया था कि भाजपा द्वारा नामांकन वापस लेने के लिए उन्हें शुरू में तो धमकी दी गई, लेकिन बाद में 2.5 लाख रुपये की रिश्वत दी गई. हालांकि सुंदर के नामांकन वापस लेने के बावजूद प्रदेश भाजपा प्रमुख के. सुरेंद्रन मंजेश्वर सीट से हार गए थे.
केरल में भाजपा के कई नेताओं की केरल पुलिस द्वारा 3.5 करोड़ रुपये की एक राजमार्ग डकैती के संबंध में जांच की जा रही है, जिसके बेहिसाब चुनावी फंड होने का संदेह है. इसके बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने केरल इकाई को मुहैया कराए गए चुनावी फंड के वितरण और उनके इस्तेमाल पर एक रिपोर्ट जमा करने के लिए एक तीन सदस्यीय समिति से कहा है.
दिल्ली पुलिस ने बताया है कि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 3,416 मामलों की तुलना में इस साल 15 से 31 मार्च तक कुल 1,990 मामले दर्ज किए गए हैं.