घटना बीते 12 मई को रोहिणी के सेक्टर-10 के डी मॉल में हुई, जहां हाउसकीपिंग स्टाफ के दो सदस्यों को सीवर सफाई के लिए मजबूर किया गया, जिनमें से एक की मौत हो गई और एक का इलाज चल रहा है. पुलिस ने घटना को लेकर मॉल के तीन कर्मचारियों को गिरफ़्तार किया है.
बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में रविवार को 20 वर्षीय युवती की स्कूटी को एक कार ने टक्कर मार दी थी और शव को करीब चार किलोमीटर तक घसीटते ले गए. युवती का शव नग्न हालत में मिलने पर उसके साथ बलात्कार का आरोप भी लगाया जा रहा है, हालांकि पुलिस ने इस बात से इनकार किया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने रोहिणी के एक आश्रम के प्रबंधन पर नाराज़गी व्यक्त की, जहां कई महिलाओं को ‘जानवरों जैसी स्थितियों’ में रखने का आरोप है. अदालत ने कहा कि आश्रम की स्थापना करन वाले व्यक्ति के ख़िलाफ़ सीबीआई ने आरोप पत्र दायर किया है और वर्तमान में वह फ़रार है. ऐसे में यह स्वीकार करना मुश्किल है कि बाशिंदे अपनी मर्ज़ी से वहां रह रहे हैं.
जेल प्राधिकारियों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सोमवार तक संक्रमित पाए गए 66 क़ैदियों में से 42 तिहाड़ और 24 मंडोली जेल में हैं. संक्रमित पाए गए 48 कर्मचारियों में से तिहाड़ के 34, मंडोली जेल के आठ और रोहिणी जेल के छह कर्मचारी हैं.
यह घटना दिल्ली के रोहिणी की है. मौलवी का आरोप है कि 20 जून को कार सवार तीन लोगों ने उनसे जय श्री राम का नारा लगाने को कहा, इससे इनकार करने पर उन्होंने कार से टक्कर मार दी.
पश्चिमोत्तर दिल्ली के केशवपुरम इलाके में हुआ हादसा. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की.
पुलिस ने बताया कि यह घटना मंगलवार दोपहर में रोहिणी के प्रेम नगर इलाके में हुई. पांच मज़दूर एक पुराने मकान के सेप्टिक टैंक में उतरने के बाद बेहोश हो गए. अस्पताल में इलाज के दौरान उनमें से दो को मृत घोषित कर दिया गया.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस का कर्तव्य है कि वह अपने क्षेत्रों पर नज़र रखे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिलाओं या लड़कियों को बंधक बनाकर नहीं रखा गया है जैसा कि रोहिणी के एक आश्रम में हुआ था.
दिल्ली हाईकोर्ट ने वकील के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की चेतावनी दी. पिछले दिनों दिल्ली के रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में महिलाओं को क़ैद कर उनका शोषण करने का मामला सामने आया था.
राजधानी दिल्ली के रोहिणी इलाके में स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर छापा मारा गया तो महिलाओं को बंधक बनाकर रखने और उनसे बलात्कार का मामला सामने आया था.