पटना में बीते 12 जुलाई को विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित एक जनसुनवाई में राज्य के भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए जान गंवाने वाले आरटीआई कार्यकर्ताओं के परिजनों ने शिरकत की. इस दौरान एक प्रस्ताव पारित कर सरकार से मांग की गई कि वह इन मामलों में उचित जांच सुनिश्चित करने के लिए एक न्यायिक आयोग बनाए और क़ानून प्रवर्तक एजेंसियों को समयबद्ध तरीके से जांच पूरी करने का निर्देश दे.
मोतीहारी के आरटीआई कार्यकर्ता बिपिन अग्रवाल की बीते वर्ष सितंबर माह में हत्या कर दी गई थी. पिता की हत्या की जांच में देरी के चलते उनके बेटे ने बीते माह कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. आरटीआई का समर्थन करने वाली एक राष्ट्रीय संस्था ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मामले की जांच किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से कराने की मांग की है.