पीएमजेएवाई इम्पैनल्ड प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन (पीईपीएचएजी) की ओर से कहा गया है कि वह ‘प्रतीकात्मक विरोध’ के रूप में 26 से 29 फरवरी तक इस योजना के तहत मरीज़ों को स्वीकार नहीं करेगा. संगठन ने कहा कि योजना के तहत लगभग 300 करोड़ रुपये का लंबित बकाया कब चुकाया जाएगा सरकार की ओर से इसका कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया है.
गुजरात विधानसभा ने बीते 16 सितंबर को विवादास्पद विधेयक पारित किया था, जिससे राज्य के 11 सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को इसके दायरे में लाया गया और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कामकाज को नियंत्रित करने वाले विभिन्न क़ानूनों को एकीकृत किया गया. कांग्रेस का आरोप है कि इस क़ानून के कड़े प्रावधान शैक्षणिक स्वतंत्रता एवं विश्वविद्यालय के आंतरिक कामकाज के लिए नुकसानदायक हैं.