पुलिस की यह तैनाती तब की गई है जब दक्षिणपंथी समूह हिंदू सेना ने एक मार्च को शाहीन बाग रोड खाली कराने का आह्वान किया. हालांकि शनिवार को पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने शाहीन बाग में सीएए विरोधी आंदोलन के खिलाफ अपना प्रस्तावित प्रदर्शन वापस ले लिया.
जब इस मामले में पक्षकारों ने वार्ताकारों द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट की प्रति मांग तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी कुछ समय तक के लिए इसे गोपनीय रखा जाएगा.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद इलाके में सीएए विरोधी और समर्थक समूहों के बीच रविवार को झड़प हो गई. जाफराबाद से सटे मौजपुर में दो समूहों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी. सुरक्षा कारणों के चलते मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते 17 फरवरी को वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला को वार्ताकार नियुक्त किया था और प्रदर्शनकारियों से बात कर विरोध प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक रास्ता तलाशने को कहा था.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकारों वरिष्ठ अधिवक्ताओं संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन और प्रदर्शनकारियों के बीच सड़कों को अवरुद्ध किए जाने से लोगों को हो रही समस्या को लेकर तीन दिन चली बातचीत के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है.
इस प्रदर्शन में करीब 500 लोग पहुंचे, जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं. जाफराबाद में यह प्रदर्शन ऐसे समय किया जा रहा है जब शाहीन बाग में पिछले दो महीने से सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास जारी है.
वीडियोः बीते दो से अधिक महीनों से नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में शाहीन बाग में धरना दे रहीं महिलाएं अपना घर-बार कैसे संभाल रहीं हैं और शाहीन बाग से प्रदर्शन स्थल को कहीं और शिफ्ट करने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर ये महिलाएं क्या सोचती हैं। इन्हीं मुद्दों पर रीतू तोमर की इन महिलाओं से बातचीत।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन गुरुवार को करीब 3 बजे शाहीन बाग में बातचीत का दूसरा दौर शुरू करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि प्रदर्शन किसी ऐसे स्थान पर किया जाना चाहिए, जहां कोई रास्ता बाधित न हो रहा हो.