आज भीड़ किसी को दौड़ा कर मार रही है, जींस पहनने वाली लड़कियों पर हमले हो रहे हैं, विश्वविद्यालयों में हवन हो रहा है, किताबें-कलाकृतियां जलाई जा रही हैं.
पार्टियां और सरकारें बदलती हैं तो सिर्फ़ नुक्कड़ और चौराहों पर लगे इश्तिहार ही नहीं बदलते बल्कि सारे के सारे शहर का पोशाक बदल जाता है.