उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का मामला. मृतक के पिता लोजपा के प्रदेश सचिव हैं. पुलिस ने तीन आरोपियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया. तीनों आरोपी फ़रार हैं.
बसपा प्रमुख मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर गठबंधन की पहली रैली सहारनपुर के देवबंद में की, जहां पहले चरण में 11 अप्रैल को चुनाव होने हैं.
असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि मौत का आंकड़ा हर मिनट बढ़ रहा है. अब तक लगभग 200 लोग अस्पताल में भर्ती हैं और कइयों की हालत गंभीर है.
असम के गोलाघाट ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि मृतकों की संख्या और बढ़ने की संभावना है क्योंकि शराब पीने के बाद बीमार पड़ने की वजह से बीते गुरुवार की रात को कई सारे लोगों को अस्पताल लाया गया था.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर ज़िले में 36, कुशीनगर ज़िले में नौ और उत्तराखंड के हरिद्वार में ज़हरीली शराब पीने से 36 लोगों की मौत हो चुकी है. मौतों के बाद राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू.
वीडियो: भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आज़ाद की रिहाई पर उनके वकील श्रीजी भावसार से द वायर के अजय आशीर्वाद की बातचीत.
लगभग 16 महीने से सहारनपुर जेल में बंद चंद्रशेखर को 1 नवंबर 2018 को रिहा किया जाना था. निकलकर कहा, 2019 में भाजपा को सत्ता से बाहर करेंगे.
गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने राज्यसभा में बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक देवबंद में हिंदू परिवारों के पलायन से संबंधित कोई मामला सूचित नहीं किया गया है.
यूनेस्को इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट की दक्षिण एशिया प्रेस फ्रीडम रिपोर्ट, 2017-18 में कहा गया है कि इंटरनेट सेवा बंद करने की घटनाएं विश्व भर में बढ़ रही हैं और यह प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर नियंत्रण का पैमाना है.
भीम आर्मी डिफेंस कमेटी के संयोजक प्रदीप नरवाल ने कहा कि चंद्रशेखर की जगह अगर आज बाबा साहेब आंबेडकर होते तो भाजपा सरकार उन पर भी रासुका लगा देती.
निर्माता का आरोप है कि यूपी निकाय चुनाव की वजह से सिनेमाघर मालिकों को फिल्म न प्रदर्शित करने को कहा गया है. ज़िला प्रशासन ने आरोप का किया खंडन.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को ही दी थी ज़मानत, पुलिस ने कहा- पहले से चल रही थी कार्रवाई.
बसपा प्रमुख मायावती ने यह कहते हुए राज्यसभा से इस्तीफ़ा दे दिया है कि उन्हें दलितों से जुड़े मुद्दे उठाने का समय नहीं दिया जा रहा है. पढ़िए सदन में उनका पूरा भाषण...
इस्तीफ़े से ठीक पहले संसद में कहा था कि 'मैं जिस समाज से मैं आती हूं उसी की बात सदन में नहीं रख पा रही. मुझे ऐसी सदस्यता नहीं चाहिए. मैं अभी इससे इस्तीफ़ा देती हूं.'
बसपा प्रमुख मायावती इस्तीफा देने की बात करते हुए सदन से बाहर चली गईं. उनके समर्थन में कांग्रेस सदस्यों ने भी वॉकआउट किया.