ग्राउंड रिपोर्ट: आज़ादी के बाद कोसी की बाढ़ से राहत दिलाने के नाम पर इसे दो पाटों में क़ैद किया गया था और अब लगातार बनते तटबंधों ने नदी को कई पाटों में बंद कर दिया है. इस बीच सुपौल, सहरसा, मधुबनी ज़िलों के नदी के कटान में आने वाले गांव तटबंध के लाभार्थी और तटबंध के पीड़ितों की श्रेणी में बंट चुके हैं.
सहरसा ज़िले की घटना. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने बताया कि श्रमिकों की मौत दम घुटने के कारण हुई है क्योंकि सेप्टिक टैंक कार्बन डाई ऑक्साईड गैस से भरा हुआ था.