तमिलनाडु के सलेम ज़िले के दलित समुदाय के दो किसान भाइयों भाजपा के एक स्थानीय नेता पर उनकी ज़मीन को हड़पने की कोशिश का आरोप लगाया है. इस बीच जुलाई 2023 में उन्हें ईडी का एक समन मिला था. इसमें विशेष रूप से उनकी जातियों का उल्लेख करने पर विवाद हो गया था. आरोप है कि ईडी किसानों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही थी.
मद्रास हाईकोर्ट ने 2018 में दायर एक याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि किसी भी जाति या पंथ के किसी भी व्यक्ति को पुजारी के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, बशर्ते वह मंदिर में किए जाने वाले आवश्यक अनुष्ठानों में पारंगत और निपुण व्यक्ति हो. याचिका में सलेम ज़िले के श्री सुगवनेश्वर स्वामी मंदिर में पुजारियों की भर्ती के लिए निकाले गए एक विज्ञापन को चुनौती दी थी.
घटना सलेम के विरुदासमपट्टी में शक्ति मरियम्मन मंदिर में हुई, जहां कथित उच्च जाति की महिलाओं ने मंदिर में आयोजित एक पूजा में दलित श्रद्धालुओं को प्रवेश से रोक दिया. अधिकारियों के समझाने के बाद भी जब वे लोग दलितों को मंदिर में आने देने के लिए सहमत नहीं हुए तो राजस्व अधिकारियों ने मंदिर सील कर दिया.
सेलम ज़िले के पेरियार विश्वविद्यालय में एमए इतिहास के दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा के प्रश्न-पत्र में पूछा गया था कि कौन-सी नीची जाति तमिलनाडु से संबंधित है. इसके बाद जाति उन्मूलन के लिए लड़ने वाले द्रविड़ विचारक पेरियार के नाम पर बने विश्वविद्यालय में ऐसा प्रश्न-पत्र तैयार करने को लेकर लोगों ने प्रबंधन की आलोचना की है.
तमिलनाडु के सेलम ज़िले के रहने वाले प्रभाकर और उनकी पत्नी को चोरी के संदेह में तीन थानों की पुलिस उनके घर से मारपीट करके जबरन उठा ले गई थी. चार दिन बाद पुलिस ने उनके परिवार को सूचित किया कि प्रभाकर अस्पताल में हैं और उसकी हालत गंभीर है. हिरासत में प्रताड़ना के आरोपों के बीच तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.