भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और संबित पात्रा ने आरोप लगाया है कि जॉर्ज सोरोस, खोजी पत्रकारों का अंतरराष्ट्रीय संगठन ओसीसीआरपी और राहुल गांधी एक साथ मिलकर देश की संसद न चलने देने और मोदी सरकार को गिराने की साज़िश रच रहे हैं.
बीते एक सितंबर को सीबीआई अधिकारी जितेंद्र कुमार का शव उनके आवास पर फांसी से लटका मिला था. दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दावा किया है कि उक्त अधिकारी को उन्हें आबकारी नीति मामले में फंसाने के लिए झूठी कहानी गढ़ने को कहा गया था. वह यह दबाव सह नहीं सके और आत्महत्या कर ली.
भाजपा नेता संबित पात्रा ने बीते 30 जनवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक फ़र्ज़ी वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्हें कृषि कानूनों के समर्थन में बोलते हुए देखा गया था. एक फैक्ट चेक से पता चला है कि पात्रा ने मूल वीडियो के विभिन्न हिस्सों से वाक्यों को जोड़कर बनाई गई एक संपादित क्लिप को साझा किया था.
कांगेस की छात्र शाखा एनएसयूआई की छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष आकाश शर्मा की शिकायत पर 19 मई को एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि रमन सिंह, संबित पात्रा और अन्य लोगों ने कांग्रेस पार्टी के फर्जी लेटरहेड का इस्तेमाल कर मनगढ़ंत सामग्री सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट की और इसे पार्टी द्वारा विकसित टूलकिट के रूप में पेश किया.
राज्यसभा में केंद्र की मोदी सरकार की ओर से बताया गया है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में क्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत की कोई ख़बर नहीं है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि केंद्र सरकार ने इस तरह की मौतों को लेकर कोई आंकड़ा नहीं मांगा था. दिल्ली सरकार ने इस तरह की मौतों का पता लगाने के लिए एक समिति का गठन किया था,
सुप्रीम कोर्ट से एक याचिका में कोविड महामारी से निपटने के तौर तरीकों को लेकर कथित तौर पर देश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने के लिए बनाए टूलकिट की जांच का अनुरोध किया गया था. अदालत ने कहा कि यह राजनीतिक दुष्प्रचार का हिस्सा है और यदि आप इसे पसंद नहीं करते हैं, तो नज़रअंदाज़ करें.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन खपत की ऑडिट के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली सरकार ने ज़रूरत से चार गुना अधिक ऑक्सीजन की मांग की थी. इस पर भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जघन्य अपराध और आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाया है.
भाजपा ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित ऑक्सीजन ऑडिट समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने ज़रूरत से चार गुना अधिक ऑक्सीजन की मांग की थी. वहीं, आप सरकार का कहना है कि भाजपा झूठी रिपोर्ट पेश कर रही है. उसने इस समिति के सदस्यों से बात की है, जिन्होंने इस तरह की किसी रिपोर्ट को मंज़ूरी न देने की बात कही है.
बीते महीने ट्विटर ने भाजपा नेता संबित पात्रा के एक ट्वीट पर ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ का टैग लगा दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने कोविड-19 महामारी से निपटने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि ख़राब करने के लिए एक ‘टूलकिट’ बनाया है. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने ट्विटर के दिल्ली और गुड़गांव स्थित दफ़्तरों पर छापा मारा था. उस वक़्त सरकार पर ट्विटर को डराने-धमकाने के आरोप भी लगे थे.
पिछले महीने भाजपा ने कांग्रेस पर कोरोना महामारी के दौरान देशवासियों में भ्रम फैलाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया था. इस पर कांग्रेस ने भाजपा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बचाने के लिए ‘फ़र्ज़ी टूलकिट’ तैयार करने का आरोप लगाते हुए छत्तीसगढ़ में रमन सिंह और संबित पात्रा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई थी.
ट्विटर इंडिया ने कुछ दिनों पहले कार्टूनिस्ट मंजुल को एक नोटिस भेजा था, जिसमें कहा गया था कि भारतीय क़ानून प्रवर्तन ने शिकायत की है कि उनके ट्विटर हैंडल का कंटेंट भारतीय क़ानून का उल्लंघन करता है और इसके लिए ट्विटर को उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करनी चाहिए.
लुमेन डेटाबेस से मिली जानकारी के अनुसार, भारत सरकार ने छह जून को चार ट्विटर अकाउंट पर कार्रवाई करने के लिए कंपनी से कानूनी अनुरोध किया था, इनमें जैज़ी बी के अलावा हिप-हॉप कलाकार एल-फ्रेश द लॉयन का अकाउंट भी शामिल था. ये लोग कृषि कानूनों के विरोध में डटे किसानों का समर्थन कर रहे थे.
ट्विटर इंडिया ने कार्टूनिस्ट मंजुल को ईमेल भेजकर कहा है कि भारतीय क़ानून प्रवर्तन ने शिकायत की है कि उनके ट्विटर हैंडल का कंटेंट भारतीय कानून का उल्लंघन करता है. हालांकि, ट्विटर ने कहा कि उन्होंने कंटेंट को लेकर कोई कार्रवाई शुरू नहीं की है.
ट्विटर ने दिल्ली पुलिस के ‘टूलकिट’ जांच मामले में उसके दफ़्तरों में आने को ‘डराने-धमकाने की चाल’ बताया था. इसे लेकर मोदी सरकार ने कहा है कि ट्विटर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर अपनी शर्तें थोपने का प्रयास कर रहा है. वहीं दिल्ली पुलिस ने कंपनी के बयान को सच्चाई से परे बताया है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की दो टीमें राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके दिल्ली के लाडो सराय और गुड़गांव में स्थित ट्विटर इंडिया कार्यालयों में गई थीं. स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि ट्विटर के पास टूलकिट के बारे में क्या जानकारी है और उसने कांग्रेस के कथित टूलकिट से संबंधित भाजपा के मुख्य प्रवक्ता संबित पात्रा के एक ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ की श्रेणी का टैग देना क्यों चुना.