क्या स्वयंसेवक उस सामाजिक स्वीकार्यता की अनदेखी कर पाएंगे जो मोदी सरकार के कारण उन्हें मिली है? क्या नाराज़ स्वयंसेवक अपने प्रचारक प्रधानमंत्री से दूरी बना पाएंगे? या वे आख़िरकार सामंजस्य कर लेंगे, यह सोचकर कि 2025 के अपने शताब्दी वर्ष में सत्ता से बाहर रहने का जोखिम उठाना बुद्धिमानी नहीं?
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने पर्यटन मंत्री आनंद सिंह, जल संसाधन मंत्री गोविंद करजोल और अन्य भाजपा नेताओं के साथ बीते 12 अक्टूबर को विजयनगर ज़िले के कमलापुरा में एक दलित व्यक्ति के घर में नाश्ता किया था. आरोप है कि अधिकारियों ने दलित परिवार को सिर्फ़ ब्रांडेड सामग्री का उपयोग करने के लिए कहा था.
पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं. मैंने असीमानंद को बताया कि बंगाल में स्थिति ख़राब है और हमें यहां काम करने की ज़रूरत है. इस पर वो सहमत हैं.’