झारखंड के रामगढ़ में रहने वाले स्वतंत्र पत्रकार रूपेश कुमार सिंह को साल 2021 में सरायकेला खरसावां ज़िले में दर्ज एक मामले में गिरफ़्तार किया गया है, जिसमें भाकपा (माओवादी) का नेता प्रशांत बोस उर्फ किशनदा आरोपी है. जून 2019 में भी बिहार की गया पुलिस ने उन्हें नक्सली बताकर गिरफ़्तार किया था. हालांकि पुलिस द्वारा चार्जशीट दाख़िल न कर पाने के कारण उसी साल दिसंबर में उन्हें ज़मानत मिल गई थी.
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम ज़िले में पिछले कई महीनों से ‘हो आदिवासी’ समुदाय के कुछ युवक ब्रिटिशकालीन ‘कोल्हान गवर्नमेंट एस्टेट’ में ग्रामीण पुलिस और ‘हो भाषा’ के शिक्षक के पद के लिए हज़ारों आदिवासियों की बहाली कर रहे थे. आवेदकों से आवेदन और बीमा के नाम पर पैसे भी लिए जा रहे थे. हालांकि इस नौकरी घोटाले को ‘अलग राष्ट्र की मांग’ का नाम दे दिया गया.