उत्तरी गोवा के एक सरकारी कॉलेज के कार्यवाहक प्रिंसिपल के छात्रों के एक समूह द्वारा संत सोहिरोबनाथ अंबिये सरकारी कॉलेज के आर्ट्स एंड कॉमर्स हॉल में सरस्वती पूजा करने के अनुरोध को अस्वीकार करने पर विवाद हुआ था. अब उनका डेपुटेशन पूरा होने का हवाला देते हुए उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया है.
निराला ने वीणावादिनी से 'नव गति, नव लय, ताल-छंद नव, नवल कंठ' मांगे थे, लेकिन आज जिन पैरों में नई गति है, उन्हें बेड़ियों से बांध दिया गया है. कंठ पर ताला है और नएपन की जगह कारागार है. जब मेरा स्वर नहीं तो क्या मैं सरकारी कंठ से प्रार्थना करूं? क्या यह देवी का अपमान नहीं?