मेडिकल जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 मरीजों पर मलेरिया रोधी क्लोरोक्वीन या हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाओं का इस्तेमाल क्लिनिकल ट्रायल्स के अलावा नहीं किया जाना चाहिए. इससे हृदय संबंधी परेशानियों के साथ मौत का खतरा भी बढ़ जाता है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लिए लॉकडाउन के दिशानिर्देशों को जारी करते हुए कहा कि केवल 20 यात्रियों के साथ बसों का संचालन किया जाएगा जबकि मेट्रो ट्रेन, कॉलेज, शॉपिंग मॉल और स्विमिंग पूल बंद रहेंगे.
सरकार ने राहत पैकेज का 90 फीसदी से ज्यादा हिस्सा कर्ज, ब्याज पर छूट देने इत्यादि के लिए घोषित किया है, जिसका फायदा बड़े बिजनेस वाले ही अभी उठा रहे हैं. यदि ज्यादा लोगों के हाथ में पैसा दिया जाता तो वे इसे खर्च करते और इससे खपत में बढ़ोतरी होती, जिससे अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में काफी मदद मिलती.
यदि आरबीआई द्वारा की गईं घोषणाओं और केंद्र के पहले कोरोना राहत पैकेज की राशि जोड़ दें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में करीब 13 लाख करोड़ रुपये की ही अतिरिक्त राशि बचती है, जिसका विवरण दिया जाना अभी बाकी है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि लॉकडाउन का चौथा चरण पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा, नए नियमों वाला होगा. राज्यों से मिले सुझावों के आधार पर इसकी जानकारी 18 मई तक दी जाएगी.
इस किट को लेकर कई राज्यों ने आपत्ति जताई है और गलत परिणाम आने के कारण इस पर रोक लगा दी है.
कोविड-19 मरीजों के उपचार में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग को जोर-शोर से बढ़ावा देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह इन रिपोर्टों पर गौर करेंगे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर सरकार लॉकडाउन के नियमों को लेकर सुस्त पड़ जाती है जबकि आईसीयू की संख्या पर्याप्त नहीं हैं और अस्पताल बेड, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सिलिंडर कम पड़ जाते हैं और मृतकों की संख्या बढ़ जाती है तो सरकार खुद को माफ नहीं कर पाएगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन के क्रमिक रूप से कमजोर पड़ने पर चिंता ज़ाहिर की थी और राज्य से नियमों का पालन करने के लिए आवश्यक क़दम उठाने को कहा था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम निगरानी करेंगे और 20 अप्रैल तक जिन जिलों में सुधार देखा जाएगा वहां कुछ राहत दी जाएगी. हालांकि, अगर बाद में स्थिति और बिगड़ती है तो छूटों को रद्द कर दिया जाएगा.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल और एम्स के बाहर देश के कोने-कोने से आए ऐसे सैकड़ों लोग असहाय स्थिति में फंसे हुए हैं और कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के कम होने का इंतजार कर रहे हैं. ये कैंसर, किडनी तथा हृदय संबंधी रोगों एवं ऐसी अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आए थे.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद मोदी से ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ दवाई की खेप अमेरिका भेजने की अनुमति देने के लिए कहा था. भारत द्वारा इसकी बढ़ती मांग के चलते निर्यात पर रोक थी. सोमवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अगर भारत ने ये दवा नहीं दी, तो यक़ीनन उन्हें इसके नतीजे भुगतने होंगे.
समुद्री सेवाओं से जुड़े विभिन्न संगठनों ने कहा कि करीब 15 हजार समुद्री नाविक मालवाहक जहाजों पर जबकि 25,000 यात्री जहाजों पर हैं. वे सभी घर वापस आने के लिये बेताब हैं कि क्योंकि उनका रोजगार अनुबंध समाप्त हो चुका है.
सरकार से पुष्टि के बाद कोरोना वायरस से संबंधित ख़बरें मीडिया द्वारा चलाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अलग-अलग मायने निकले जा सकते हैं. हो सकता है कि केंद्र इसे मीडिया सेंसरशिप के लिए इस्तेमाल करने लगे या मीडिया सेल्फ सेंसरशिप करने लगे. अगर ऐसा होता है तो यह अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए गंभीर ख़तरा होगा.
देश के वैज्ञानिकों के समूह का कहना है कि कोरोना के मद्देनज़र राष्ट्रीय आपदा जोखिम प्रबंधन योजना बनाकर प्रत्येक प्रांत में लागू की जानी चाहिए, जिससे कोविड-19 का परीक्षण हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि इस महामारी के लक्षणों की जांच के लिए स्वास्थ्यकर्मियों का भी परीक्षण किए जाने की भी ज़रूरत है.