क्या लोकपाल सर्च कमेटी की अध्यक्ष जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को उन्हें कमेटी से हटा नहीं देना चाहिए या अरुंधति भट्टाचार्य को ख़ुद से इस्तीफ़ा नहीं देना चाहिए?
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य को मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडिया लिमिटेड में स्वतंत्र निदेशक के बतौर शामिल किया गया है.
एसबीआई की ओर से बताया गया है कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंक में कुल 723.06 करोड़ रुपये की बैंकिंग धोखाधड़ी के 669 मामले और दूसरी तिमाही में कुल 4832.42 करोड़ रुपये की बैंकिंग धोखाधड़ी के 660 मामले सामने आए हैं.
पूर्व स्वतंत्र निदेशकों ने क़र्ज़ के तले डूबे समूह के नए चेयरमैन उदय कोटक को लिखा ख़त, बदलाव प्रयासों में समर्थन का दिया भरोसा.
आठ सदस्यीय खोज समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई करेंगी.
बेस्ट ऑफ 2018: इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश से जुड़ी सरकारी क्षेत्र की कंपनी आईएल एंड एफएस अपने क़र्ज़ों की किस्त नहीं चुका पा रही है. इसके चलते न केवल कई बड़े बैंक संकट में पड़ गए हैं बल्कि प्रोविडेंट फंड और पेंशन फंड में पैसा लगाने वाले आम लोगों की मेहनत की कमाई भी दांव पर लगी है.
आॅल इंडिया बैंक आॅफिसर्स कनफेडरेशन ने कहा कि इससे पहले एसबीआई के साथ पांच सहयोगी बैंकों के विलय हुआ था, लेकिन कोई चमत्कार नहीं हुआ. गुजरात बैंक कर्मचारी यूनियन का कहना है कि इससे बेरोज़गारी बढ़ेगी.
केंद्र सरकार का कहना है कि यह निर्णय बैंकों की कर्ज देने की ताकत बढ़ाने और आर्थिक वृद्धियों को गति देने के लिए लिया गया है.
विजय माल्या दो मार्च 2016 को देश से भाग गया था जबकि बैंकों के समूह ने इसके चार दिन बाद उच्चतम न्यायालय से अपील की थी कि माल्या को देश से भागने से रोका जाए.
बीते 23 अगस्त को घरेलू मुद्रा के शुरुआती कारोबार में फिर गिरावट देखी गई और रुपया 70 के पार चला गया. डॉलर के मुकाबले यह 27 पैसे गिरकर 70.08 पर खुला.
सबसे ज़्यादा 2,433.87 करोड़ रुपये का जुर्माना भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने वसूला है जो कि कुल जुर्माना राशि का लगभग 50 प्रतिशत है.
बैंक ने मांगी गई जानकारी को संबंधित लोगों के बारे में व्यक्तिगत सूचना बताते हुए कहा कि ये सूचनाएं उसके पास ‘दूसरों की अमानत’ के तहत रखी गई हैं और क़ानून में इस तरह की जानकारी न देने की छूट है. बैंक द्वारा उपलब्ध करवाए गए ब्यौरे के अनुसार मार्च 2018 में उसने 222 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक के चुनावी बॉन्ड बेचे.
बैंकों द्वारा बट्टा खाते में डाली गई यह राशि पिछले साल की तुलना में 61.8 प्रतिशत ज़्यादा है. पिछली साल बैंकों द्वारा 89,048 करोड़ रुपये बट्टा खाते में डाले गए थे.
2017-18 में 21 में से 19 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को कुल 85,370 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ. सबसे ज़्यादा घाटा घोटाले की मार झेल रहे पंजाब नेशनल बैंक को करीब 12,283 करोड़ रुपये का हुआ.
वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 21 में से 19 सार्वजनिक बैंकों को घाटा हुआ. बैंकों का औसत एनपीए 14.5 प्रतिशत तक बढ़ा है. आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक का एनपीए 25 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गया.