मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय फेलोशिप के पात्र विद्यार्थियों को महीनों से नहीं मिली अनुदान राशि

केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा संचालित मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय फेलोशिप योजना के लाभार्थियों को महीनों से उनकी अनुदान राशि न मिलने के चलते उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कुछ तो अपनी पढ़ाई छोड़ने पर भी विचार कर रहे हैं. सरकार द्वारा पिछले दिसंबर में कहा गया था कि अब से इस फेलोशिप को बंद किया जा रहा है.

उत्तराखंड में अल्पसंख्यक छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृति में 2017 के बाद 100 गुना की गिरावट

यह योजना उत्तराखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाती है, जो विशेष रूप से कक्षा 1 से 10 में पढ़ने वाले राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए है, जिनमें मुस्लिम, ईसाई, सिख, पारसी, बौद्ध और जैन शामिल हैं.

प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना का नहीं मिल रहा फ़ायदा, जम्मू कश्मीर के छात्र परेशान

वीडियो: प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के तहत दी जाने वाली स्कॉलरशिप जम्मू कश्मीर और लद्दाख के कई विद्यार्थियों तक पूरी नहीं पहुंच रही है. कोरोना महामारी के बाद इस स्कॉलरशिप के न मिलने की वजह से छात्र पढ़ाई छूट जाने के डर के साथ जी रहे हैं. द वायर ने इस मुद्दे पर छात्रों और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सहायक निदेशक राकेश कुमार से बात की.

आत्महत्या करने वाली डीयू छात्रा को समय पर वज़ीफ़ा नहीं मिला था, हॉस्टल भी ख़ाली करवाया गया

तेलंगाना की रहने वाली दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज की एक छात्रा ने तीन नवंबर को हैदराबाद के अपने घर में आत्महत्या कर ली थी. कमज़ोर आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाली छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि वे अपने परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहती थीं और शिक्षा के बिना ज़िंदगी उन्हें मंज़ूर नहीं थी.

सरकार उच्च शिक्षण संस्थाओं को ज्ञान के स्रोत के बजाय ‘प्रेशर कुकर’ में तब्दील कर रही है

जिस प्रकार कृषि क्षेत्र में ऋण से बढ़ते तनाव ने किसान आत्महत्या की समस्या पैदा की, स्कूल शिक्षा में परीक्षाओं और मेरिट के दबाव ने स्कूली विद्यार्थियों में आत्महत्याओं को जन्म दिया, तनाव निर्माण की उसी कड़ी में सरकार ने कॉलेज और विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों को झोंकने की तैयारी कर ली है.