सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर में कोविड-19 पीड़ितों के परिवारों को 50,000 रुपये मुआवज़ा देने के दिशानिर्देश दिए थे. इसके बाद गुजरात सरकार ने मुआवज़े हेतु मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक जांच समिति का गठन करने की अधिसूचना जारी की. कोर्ट ने इस निर्णय को मुआवज़े के देरी करने का नौकरशाही प्रयास बताया है.