सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अंधाधुंध गिरफ़्तारियां औपनिवेशिक मानसिकता का संकेत हैं. देश की जेलें विचाराधीन कैदियों से भरी हैं. अनावश्यक गिरफ़्तारियां सीआरपीसी की धारा 41 व 41(ए) का उल्लंघन हैं. कोर्ट ने ज़मानत आवेदनों के निपटारे को लेकर निचली अदालतों को भी फटकार लगाई.