सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप को लेकर कोर्ट द्वारा अपनाए गए रवैये का उल्लेख करते हुए दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की लॉ टॉपर सुरभी करवा ने कहा कि वह दीक्षांत समारोह में इसलिए शामिल नहीं हुईं क्योंकि वह सीजेआई के हाथों पुरस्कार नहीं लेना चाहती थीं.
यौन उत्पीड़न के मामलों में सबसे आवश्यक माना जाता है कि अगर आरोपी किसी संस्था में निर्णयकारी स्थिति में है, तो वहां से उसे हटाया जाए. पिछले दिनों ऐसे कितने ही प्रसंग हमारे सामने आए जिनमें संस्था के प्रमुखों को कार्य से मुक्त किया गया. निष्पक्षता की यह पहली शर्त मानी जाती है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट से जुड़े इस विशेष मामले में ऐसा नहीं हुआ.