निरपराधों के ख़िलाफ़, विरोध में हिंसा के महिमामंडन का बढ़ता सामान्यीकरण हमारे समाज के नैतिकता के ताने-बाने को उजागर करता है.
शंभूलाल हमारे अचेतन की पैदाइश है. हिंदुत्व का मध्यवर्गीय नायक, जो हमारे सेकुलर सपनों और बहुलतावादी चेहरे को जला देता है.
निरपराधों के ख़िलाफ़, विरोध में हिंसा के महिमामंडन का बढ़ता सामान्यीकरण हमारे समाज के नैतिकता के ताने-बाने को उजागर करता है.
शंभूलाल हमारे अचेतन की पैदाइश है. हिंदुत्व का मध्यवर्गीय नायक, जो हमारे सेकुलर सपनों और बहुलतावादी चेहरे को जला देता है.