तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान नामक संगठन के समर्थकों ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित करने के लिए फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने के लिए इमरान ख़ान सरकार को 20 अप्रैल तक का समय दिया था. उससे पहले ही पुलिस ने पार्टी के प्रमुख साद हुसैन रिज़वी को गिरफ़्तार कर लिया, जिसके बाद संगठन ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो हिंसक हो गए.