पेन पिंटर पुरस्कार एक ऐसे लेखक को दिया जाता है जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सक्रिय है, और अक्सर अपनी सुरक्षा और स्वतंत्रता के लिए बड़ा जोखिम उठाते हैं. एक जूरी ने कहा कि अरुंधति रॉय स्वतंत्रता और न्याय की एक मजबूत आवाज़ हैं, जिनके शब्द लगभग तीस वर्षों से बहुत स्पष्टता और दृढ़ता के साथ सामने आए हैं.
दिल्ली के एलजी ने 14 साल पुराने एक मामले में लेखक अरुंधति रॉय और कश्मीर यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर शेख़ शौकत हुसैन के ख़िलाफ़ यूएपीए केस चलाने की मंजूरी दी है. अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रतिरोध अभियान 'हम देखेंगे' का कहना है कि यूएपीए का इस्तेमाल राजनीतिक असहमति को कुचलने के लिए किया जा रहा है.
लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता अरुंधति रॉय और कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर शेख़ शौकत हुसैन पर यूएपीए का यह मामला साल 2010 में एक कार्यक्रम में दिए वक्तव्य से जुड़ा है. उपराज्यपाल के फैसले की चौतरफ़ा आलोचना हो रही है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भड़काऊ भाषण से संबंधित 2010 के एक मामले में लेखक अरुंधति रॉय के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी देने के दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के क़दम की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि जब भाषण दिए जाते हैं, भले ही अन्य लोग उनसे कितना भी असहमत हों, सरकार को सहिष्णुता और सहनशीलता दिखानी चाहिए.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.