एनजीओ ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ द्वारा संचालित जमशेदपुर ज़िले के एक बाल आश्रय गृह की दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर यौन उत्पीड़न सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं. आश्रय गृह से 40 बच्चों को जमशेदपुर के ही दूसरे आश्रय गृह में भेजे जाने के दौरान उनमें से दो बच्चियां लापता हो गई थीं. इनका अब तक पता नहीं लग सका है.
मामला जमशेदपुर ज़िले के राज्य पंजीकृत महिला आश्रयगृह का है, जहां दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर चार सालों से यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस के अनुसार, मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है और आश्रयगृह के बच्चों को स्थानांतरित किया जा रहा है.
टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के आश्रय घरों में रहने वाली लड़कियों को सज़ा के तौर पर उनके प्राइवेट पार्ट में मिर्ची डालने, शरीर पर खौलता पानी फेंकने और खाना न देने जैसे कई गंभीर मामले सामने हैं.
आरोप है कि ये महिलाएं गलती करने पर शेल्टर होम में रह रही 6 से 15 साल की बच्चियों कठोर दंड देती थीं. सज़ा के तौर पर उन्हें सुबह-सुबह ठंडे पानी से नहलाया जाता था और प्रावइेट पार्ट्स में मिर्ची पाउडर डाल दिया जाता था.
ओडिशा के ढेंकनाल ज़िले में एक गैर सरकारी संस्था द्वारा संचालित आश्रय गृह में रहने वाली नाबालिग लड़कियों ने आरोप लगाया कि दो साल से ज़्यादा समय से उनके साथ यौन शोषण. हो रहा था. आश्रय गृह का प्रभारी गिरफ़्तार.
पुलिस आश्रय गृह चलाने वाले एनजीओ के सचिव चितरंजन कुमार और कोषाध्यक्ष मनीषा दयाल को गिरफ़्तार करने के साथ एनजीओ की कर्मचारी रेणु सिन्हा और अन्य दो को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में दो महिला आश्रय गृहों के निरीक्षण में सामने आया कि एक आश्रय गृह में 15 में से 12, तो दूसरे में 17 में से 14 महिलाएं गायब पाई गईं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देवरिया की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसकी गंभीरता को देखते हुए इसे सीबीआई को भेजने का निर्णय किया गया है.
उत्तर प्रदेश के देवरिया शहर में बीते पांच अगस्त को एक बालिका गृह में कथित तौर पर देह व्यापार होने का खुलासा हुआ था. मान्यता निरस्त होने के बाद भी बंद नहीं किया गया था. शिकायत करने वाली लड़की ने बताया कि एक दीदी को गाड़ी चार बजे ले जाती थी और वह सुबह वापस लौटती थीं.