असम के कछार ज़िले का मामला. बीते 18 जून को कर्फ़्यू के दौरान दुकान खुली रखने के आरोप में दुकानदार बाबुल बानिक को गिरफ़्तार किया गया था. दुकानदार ने पुलिस हिरासत में सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें सिलचर मेडिकल कॉलेज रिफ़र कर दिया था, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई.
घटना झारखंड के पलामू ज़िले के चाक उदयपुर की है. पुलिस ने बताया कि विभिन्न शहरों से चार मज़दूर अपने गांव लौटे थे, जिन्हें जांच के बाद 14 दिन तक अपने घर में क्वारंटाइन रहने का निर्देश दिया गया था. लेकिन वे घूमते हुए एक दुकान पर पहुंच गए थे.
मध्य प्रदेश के मुरैना में आरोपी दुकानदार को अदालत उठने तक की सज़ा और 200 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया.