इससे पहले राज्य में जब भाजपा सत्ता में थी, तब कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ के अध्यक्ष डी. केम्पन्न ने ही आरोप लगाया था कि कई विभागों में ठेकेदारों को निविदाएं हासिल करने और अपने बिलों का भुगतान करवाने के लिए 40 फीसदी रिश्वत देनी पड़ती है. तब कांग्रेस ने इस मुद्दे को एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में उठाया था.
कर्नाटक कैबिनेट ने कन्नड़ भाषा समग्र विकास (संशोधन) अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, उद्योगों, अस्पतालों और संस्थानों व संगठनों को साइनबोर्ड और नेमप्लेट पर 60 प्रतिशत कन्नड़ भाषा लिखनी होगी. हाल ही में बेंगलुरु में कर्नाटक रक्षणा वेदिके के सदस्यों द्वारा अंग्रेजी में लिखे साइनबोर्ड तोड़ने-फोड़ने के बाद यह निर्णय आया है.