हरमीत सिंह ग्रेवाल और दीपिंदर सिंह नलवा उन पांच वकीलों में शामिल थे, जिनकी सिफारिश कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए की थी. केंद्र सरकार ने तीन अन्य नामों की नियुक्ति को तो अधिसूचित कर दिया, लेकिन ग्रेवाल और नलवा के नामों को मंज़ूरी नहीं दी थी.