राजस्थान में पत्थर कटाई या इससे जुड़े कामों में लगे मज़दूरों में सिलिकोसिस बीमारी आम हो चुकी है. कई श्रमिक इस लाइलाज बीमारी से जूझते हुए जान गंवा चुके हैं, जिसके बाद उनका परिवार मुआवज़े की लड़ाई लड़ता रह जाता है. कई कामगारों ने बताया कि बीमार होने के बाद उन्हें जबरन काम से निकाल दिया गया.
ग्राउंड रिपोर्ट: सिलिकोसिस बीमारी की रोकथाम के लिए अक्टूबर 2019 में राजस्थान सरकार ने नीति बनाई थी. इस तहत इस बीमारी से पीड़ित लोगों को मिलने वाली सहायता राशि इनके लिए नाकाफ़ी साबित हो रही है. इलाज के दौरान इससे कहीं ज़्यादा की राशि का इन पर क़र्ज़ हो गया है.
ग्राउंड रिपोर्ट: राजस्थान के बूंदी ज़िले का बुधपुरा गांव कॉबल यानी फर्श पर लगाए जाने वाले पत्थरों के लिए जाना जाता है. पत्थर के खदानों से निकले मलबे से कॉबल बनाने के काम की स्थिति ये है कि एक बार जब मज़दूर यहां काम करना शुरू कर देता है, तो ठेकेदारों के चंगुल में फंसकर कभी यहां से निकल नहीं पाता.
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 199 सीटों पर हुए मतदान के वोटों की गिनती हो रही है. शुरुआती रुझानों में कांग्रेस 99 सीटों पर आगे चल रही है.
राजस्थान में मतदान के दौरान कई जगहों पर ईवीएम ख़राब होने की सूचना. ईवीएम ख़राब होने के चलते केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल को साढ़े तीन घंटे तक मतदान के लिए इंतज़ार करना पड़ा.
ग्राउंड रिपोर्ट: राजस्थान के खदानों में काम करने वाले मज़दूर मुख्य रूप से सिलिकोसिस की चपेट में आते हैं, हर साल इससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है लेकिन इसके मरीज़ों को लेकर भाजपा और कांग्रेस चिंतित नहीं दिखतीं.