राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित गायक शान की ईद की शुभकामनाएं देने वाली एक पोस्ट पर उनकी मुस्लिम वेशभूषा को लेकर घृणा भरे कमेंट्स किए गए थे. इनके जवाब में शान ने कहा है कि सब प्यार से रहें और इस तरह की ध्रुवीकृत सोच न रखें क्योंकि इससे सिर्फ नुक़सान हो सकता है. यह सोच बदलनी चाहिए और अधिक समावेशी होना चाहिए.
सामूहिक हिंसा या घृणा के अलावा बिना किसी संगठन के भी ढेरों हिंदुओं में दूसरों के प्रति घृणा ज़ाहिर करने का लोभ अश्लीलता के स्तर तक पहुंच गया है. इन हिंदुओं के बीच ऐसे ‘कुशल’ वक्ताओं की संख्या बढ़ रही है जो खुलेआम हिंसा का प्रचार करते हैं. वक्ताओं के साथ उनके श्रोताओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है.