ये मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले का है, जहां पिछले साल जुलाई में कथित गोहत्या के आरोप में इरफ़ान, रहमतुल्लाह और परवेज़ को गिरफ़्तार किया गया था. ये पहला मौका नहीं है जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) के इस्तेमाल पर सवाल उठाया है, जो राज्य को बिना औपचारिक आरोप या सुनवाई के गिरफ़्तारी का अधिकार देता है.