अब और नहीं ग़ुलामी: बिहार की मछुआरी महिलाओं का यौन शोषण और जातिवाद के ख़िलाफ़ संघर्ष 

प्रभुत्ववान जातियों द्वारा मछुआरी औरतों का शारीरिक शोषण एक सामान्य घटना थी. भले वे ब्राह्मण हों, यादव या कोई और, पुरुषों की जाति और धन की शक्ति सुनिश्चित करती थी कि शोषित औरतें उत्पीड़न को उजागर न करें.

भाजपा ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को पत्र लिखकर दिल्ली के 40 गांवों के नाम बदलने की मांग की

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस संबंध में पत्र भेजा गया है. इन 40 गांवों में हुमायूंपुर, यूसुफ़ सराय, मसूदपुर, ज़मरूदपुर, बेग़मपुर, सैदुल अजब, फ़तेहपुर बेरी, हौज़ ख़ास और शेख़ सराय आदि शामिल हैं. भाजपा का कहना है कि इन गांवों के नाम मुग़ल काल के हैं, जो ग़ुलामी की याद दिलाते हैं.

‘सरकारें आदिवासियों का संघर्ष नहीं समझतीं, अमीरों की बजाय इन्हें ध्यान में रख नीति बननी चाहिए’

साक्षात्कार: कोंध समुदाय से आने वाले सामाजिक कार्यकर्ता नाचिका लिंगा चासी मुलिया आदिवासी संंघ के नेता हैं और लंबे समय से ओडिशा में नशामुक्ति, ज़मीन अधिकार और आदिवासियों को बंधुआ मज़दूर बनाए जाने के ख़िलाफ़ काम कर रहे हैं. उनसे जसिंता केरकेट्टा की बातचीत.

चित्रकथा: अमेरिका के नस्लीय इतिहास के बर्बर चेहरे से रूबरू कराता पहला स्मारक

अमेरिका में सदियों से चले आ रहे अश्वेत उत्पीड़न और नस्लीय हिंसा के शिकार हज़ारों अश्वेत पीड़ितों की याद में देश का पहला स्मारक ‘द नेशनल मेमोरियल फॉर पीस एंड जस्टिस’ अलबामा के मॉन्टगोमेरी में पिछले हफ्ते खोला गया.