भगत सिंह जानते थे कि असमानता व भेदभाव पर आधारित शोषण निठल्ले चिंतन से ख़त्म नहीं होंगे

विशेष: भगत सिंह चाहते थे कि स्वतंत्र भारत प्रगतिशील विचारों पर आधारित ऐसा देश बने, जिसमें सबके लिए समता व सामाजिक न्याय सुलभ हो. ऐसा तभी संभव है, जब उसके निवासी ऐसी वर्गचेतना से संपन्न हो जाएं, जो उन्हें आपस में ही लड़ने से रोके. तभी वे समझ सकेंगे कि उनके असली दुश्मन वे पूंजीपति हैं, जो उनके ख़िलाफ़ तमाम हथकंडे अपनाते रहते हैं.

एमपी: दुर्गा पूजा के लिए 200 रुपये चंदा न देने पर गोंड समुदाय के 14 परिवारों का हुआ था बहिष्कार

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले की घटना. दुर्गा पूजा कार्यक्रम के आयोजन के लिए 200 रुपये न देने पर इन 14 परिवारों का तीन नवंबर से 17 नवंबर तक सामाजिक बहिष्कार किया गया था. प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामले को अब सुलझा लिया गया है.

‘कुआं और मूर्ति दलितों से बनवाते हो, फिर उन्हें पानी पीने और मंदिर जाने से रोकते क्यों हो’

आंबेडकर पर हुए एक सेमिनार में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने जातिवादी मानसिकता पर सवाल उठाते हुए लोगों से सोच बदलने की अपील की.