केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा उच्च शिक्षण संस्थानों को जारी दिशानिर्देश के अनुसार सभी छात्रों के ट्विटर/फेसबुक/इंस्टाग्राम अकाउंट्स को मंत्रालय के सोशल मीडिया अकाउंट्स से जोड़ना होगा. हालांकि, इस पर विवाद होने के बाद मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह अनिवार्य न होकर वैकल्पिक है.
फेसबुक की विज्ञापन से जुड़ी रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल फरवरी की शुरुआत से 15 मई तक उसके प्लेटफॉर्म पर 1.21 लाख राजनीतिक विज्ञापनों का प्रसारण हुआ. इन विज्ञापनों पर राजनीतिक दलों ने 26.5 करोड़ रुपये ख़र्च किए.
‘फेसबुक एंड लाइब्रेरी’ रिपोर्ट के अनुसार, इस साल फरवरी से 30 मार्च के बीच 51,810 राजनीतिक विज्ञापनों पर 10.32 करोड़ रुपये से ज़्यादा ख़र्च किए गए, जिसमें भाजपा और उसके समर्थक विज्ञापनों पर बड़ा हिस्सा ख़र्च कर रहे हैं.