पाकिस्तान ने हाल में हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा भड़काने के इरादे से दिए गए कथित नफ़रत भरे भाषणों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत के लिए यह बहुत ही निंदनीय बात है कि न तो आयोजकों ने कोई खेद व्यक्त किया है और न ही भारत सरकार ने उनकी निंदा की है.
उत्तराखंड के हरिद्वार में 17-19 दिसंबर के बीच आयोजित ‘धर्म संसद’ में हिंदुत्ववादी नेताओं और कट्टरपंथियों द्वारा मुसलमानों के ख़िलाफ़ कथित तौर पर नफ़रत फैलाने वाले भाषण देने के सिलसिले में 23 दिसंबर को दर्ज प्राथमिकी में जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को नामजद किया गया था. अब उसमें स्वामी धरमदास और साध्वी अन्नपूर्णा के नाम जोड़े गए हैं.
हरिद्वार में हुई तथाकथित धर्म संसद में कही गई अधिकांश बातें भारतीय क़ानूनों की धारा के तहत गंभीर अपराध की श्रेणी में आती हैं, लेकिन अब तक इसे लेकर की गई उत्तराखंड पुलिस की कार्रवाई दिखाती है कि वह क़ानून या संविधान नहीं, बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी के लिए काम कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखकर दिल्ली और हरिद्वार में हुए हालिया कार्यक्रमों में मुस्लिम समाज के ख़िलाफ़ भड़काऊ बयान देने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के लिए निर्देश देने की मांग की है.
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने उडुपी में हुए एक कार्यक्रम में कहा था कि हिंदू धर्म छोड़कर गए लोगों का वापस इसी धर्म में परिवर्तन टीपू जयंती पर होना चाहिए और यह 'घर वापसी' हिंदुओं की ज़िम्मेदारी है. सूर्या ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान के मुस्लिमों का हिंदू धर्म में परिवर्तन कराना चाहिए. पाकिस्तान अखंड भारत के विचार में शामिल है.
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कोंकणी लेखक दामोदर मौउजो के पास वह क्षमता है जो उन्हें तात्कालिक बात से आगे देखने का मौक़ा देती है, जिसने उन्हें इस बात के लिए भी प्रेरित किया है कि वह ताउम्र महज़ कलम और कागज़ तक अपने को सीमित न रखें बल्कि सामाजिक-राजनीतिक तौर पर अहम मुद्दों पर भी बोलें, यहां तक कि समाज में पनप रहे दक्षिणपंथी विचारों, उनकी डरावनी हरकत के बारे में भी मौन न रहें.
मामला एक दंपति की चार साल की बेटी की कस्टडी से जुड़ा हुआ था, जहां निचली अदालत ने बच्ची को हर हफ्ते 19 घंटे के लिए उसकी मां को सौंपने का आदेश दिया था. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस आदेश को रद्द करने की मांग वाली पिता की याचिका को ख़ारिज करते हुए यह टिप्पणी की.
यह घटना गुड़गांव के पटौदी में एक स्कूल में हुई, जहां कुछ लोग क्रिसमस मना रहे थे. दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़े कई कट्टरपंथी व्यक्तियों ने बच्चों के सामने ही कार्यक्रम में बाधा डाली और लोगों को धमकाया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनेक नीतियां अंग्रेजों के साम्राज्यवादी शासन से निकली हैं और उनसे असंतोष ज़ाहिर करने वालों को एक ख़तरे के तौर पर देखती हैं, ठीक वैसे ही जैसे अंग्रेज़ देखा करते थे.
वीडियो: बीते 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार में प्रमुख दक्षिणपंथी धार्मिक नेताओं, कार्यकर्ताओं द्वारा 'धर्म संसद' आयोजित किया गया. कार्यक्रम में मुसलमानों ख़िलाफ़ नफरत भरे भाषण दिए गए और नरसंहार का आह्वान किया गया.
वीडियो: उत्तराखंड के हरिद्वार में बीते 17 से 19 दिसंबर तक आयोजित एक 'धर्म संसद' में दक्षिणपंथी धार्मिक नेताओं द्वारा कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ घृणित और भड़काऊ बयानबाज़ी की गई. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
बीते 17-19 दिसंबर के बीच हरिद्वार में आयोजित विवादित 'धर्म संसद' के प्रमुख आयोजकों में से एक कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता नरसिंहानंद थे. यहां दिए 'हिंदू प्रभाकरण' वाले बयान पर उन्होंने कहा कि जब तक हर हिंदू मंदिर में एक प्रभाकरण, एक भिंडरावाले और एक शाबेग सिंह नहीं होगा, तब तक हिंदू धर्म नहीं बचेगा.
हरिद्वार में हुई धर्म संसद में नफ़रत भरी बयानबाज़ी के आरोप में उत्तराखंड पुलिस ने जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ़ वसीम रिज़वी एवं अन्य के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है. रिज़वी उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष थे. हालांकि कार्यक्रम में मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने वाले नरसिंहानंद गिरि, स्वामी प्रबोधानंद गिरि, साध्वी अन्नपूर्णा उर्फ़ पूजा शकुन पांडेय और स्वामी आनंदस्वरूप के ख़िलाफ़ अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ है.
हरिद्वार में बीते दिनों आयोजित एक धर्म संसद में कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेताओं ने मुस्लिम समाज के प्रति घोर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उनका ‘सफाया’ करने की बात कही थी. पुलिस ने अब तक इसे लेकर न तो केस दर्ज किया है और न ही कोई गिरफ़्तारी हुई है.
बिहार के औरंगाबाद ज़िले के अंबा थाना क्षेत्र का मामला है. आरोपी बलवंत सिंह ने डुमरी पंचायत के मुखिया पद का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में आरोपी कथित तौर पर कुछ लोगों को ज़मीन पर थूकने और चाटने के लिए मजबूर करते, जूतों से पीटते हुए जातिसूचक अपशब्द कहते नज़र आ रहे हैं.