वीडियो: हाल ही में गीतांजलि श्री के उपन्यास ‘रेत समाधि’ के अंग्रेज़ी अनुवाद ‘टूम्ब ऑफ सैंड’ को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इसका अनुवाद इस क्षेत्र की सिद्धहस्त अनुवादक डेज़ी राॅकवाल ने किया है. द वायर के ‘हिंदी की बिंदी’ कार्यक्रम में गीतांजलि श्री से दामिनी यादव से ख़ास बातचीत.
अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय लेखक गीतांजलि श्री का कहना है कि मनुष्यों में एक से अधिक भाषा को जानने की क्षमता है. हमारी ऐसी शिक्षा प्रणाली होनी चाहिए, जो लोगों को अपनी मातृ भाषा या अन्य भारतीय भाषाओं और अंग्रेज़ी को जानने के लिए प्रोत्साहित करे, इसमें समस्या क्या है, लेकिन इसके राजनीति में घिर जाने से यह एक तरह की अनसुलझी समस्या बन गया है.